अभिनेता

क्या आपको अभिनय का शौक है? क्या आपको भी अमिताभ शाहरुख जैसे अभिनेताओं को देखकर लगता है कि आप भी उन जैसा बन सकते हैं। तो जरा अभिनय के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एक कदम बढ़ाइए। आज के समय में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इंडस्ट्री है। अगर आपमें टैलेंट है तो आपको कोई भी सुपरस्टार बनने से नहीं रोक सकता। लेकिन इसके लिए आपको जरा अपनी अभिनय स्किल भी संवारने की जरूरत है। अभिनय आसान नहीं है क्योंकि यह जन्मजात रुप से नहीं मिलता बल्कि इसके लिए वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ता की आवश्यकता होती है ताकि उस सही भावना और हावभाव को सामने लाया जा सके जो दर्शकों को रोमांचित करता रहे।

आज के समय में अधिकांश युवा अपने स्कूल-कॉलेज में एक्टिंग करने के दौरान कभी न कभी अभिनय में करियर बनाने के बारे में सोचते हैं। लेकिन अभिनय में वही लोग सफल होते हैं जो अभिनय किए बिना रह ही नहीं सकते। आज के जमाने में टीवी इंडस्ट्री, फिल्म इंडस्ट्री भारत की सबसे तेज ग्रोथ वाली इंडस्ट्री है। इसमें करियर बनाने के लिए कई विकल्प होते हैं, जिसमे आगे बढ़ा जा सकता है। यहां का करियर जितना ही प्रसिद्धि नाम और पैसा कमाने का अवसर देता है उतना हीं संघर्ष, कड़ी मेहनत और हुनर की भी मांग करता है।

अगर आप सिर्फ ग्लैमर से प्रभावित होकर इस दुनिया में आना चाहते है। तो आप इस इंडस्ट्री में सफल नहीं हो सकते। आपके अंदर अभिनय स्किल, धैर्य, और एक्टर बनने ललक होनी चाहिए। आजकल अधिकाँश लोग सिर्फ ग्लैमर से प्रभवित मुम्बई जाते है, कुछ ही दिन तक स्ट्रगल करते हैं, फिर वापस चले जाते हैं। क्योंकि उन लोगों को वो रास्ता ही नहीं पता, जिस रास्ते से फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश पाया जाता है। ऐसे लोगों को थोड़ा भी धैर्य और सब्र नहीं होता है। और न ही अपने आप पर कॉन्फिडेंस होता है । कुछ लोग एक्टर बनने के लिए मुम्बई जाते है, लेकिन उनको ये भी नहीं पता होता है, कि इस इंडस्ट्री में काम कैसे मिलता है। इसके लिए कंहा जाना होगा और क्या करना पड़ेगा। जानकारी के आभाव में उनका एक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाता है। यदि आप इन चीजों का सामना कर लेते हैं तो आपको एक सफल अभिनेता/अभिनेत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता।

कौन होते हैं अभिनेता

अभिनेता वो होते हैं जो विभिन्न भूमिकाएँ निभाते हैं और टेलीविजन, मंच, रेडियो और चलचित्र में चरित्रों को चित्रित करते हैं। वे इशारों, हाथों और शरीर के हाव-भाव के जरिए किसी कैरेक्टर को प्ले करते हैं। आंदोलनों, और आवाज के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। वे दर्शकों का मनोरंजन करने या उन्हें सूचित करने के लिए लेखक की स्क्रिप्ट की व्याख्या करते हैं।

अभिनेता कैसे बनते हैं

फिल्म और टीवी सीरियल में अभिनय में काम पाने के लिए ऑडिशन होता है। मुम्बई में बहुत से प्रोडक्शन हाउस और कास्टिंग एजेंसी हैं , जहाँ पर ऑडिशन होते रहते हैं। वहाँ पर कास्टिंग डायरेक्टर आपका ऑडिशन लेगा। अगर आप ऑडिशन क्वालीफाई कर लेते है, तो आपको फिल्म और टीवी सीरियल में अभिनय में मौके मिल जाते हैं। अगर आप किसी फिल्म स्टार परिवार से नहीं आते हैं तो इसकी राह आपके लिए थोड़ी कठिन जरूर होगी, मगर नामुमकिन नहीं। इस समय मॉडलिंग और अभिनय एक दूसरे के काफी नजदीक है। भारतीय फिल्म इंड्स्ट्री में ज्यादातर एक्टर मॉडल हैं या रह चुके हैं। अभिनय के बड़े मौकों की तलाश के बीच आप एंकरिंग, टीवी विज्ञापन, शो होस्टिंग, टीवी सीरियल में काम कर सकते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में कई चीजें बदल चुकी हैं, वहां फिलहाल कई ऐसे बड़े एक्टर हैं जिन्होंने अपने दम पर सफलता हासिल की है।

एक अभिनेता की भूमिका

  • स्क्रिप्ट का अध्ययन करें और भूमिका स्वीकार करने से पहले निर्देशकों और निर्माताओं के साथ उन पर चर्चा करें।
  • विभिन्न भूमिकाओं के लिए कई ऑडिशन दें।
  • चित्रण से पहले चरित्र और स्क्रिप्ट का अध्ययन करें।
  • भूमिका के लिए कार्यशालाओं और पूर्वाभ्यास में भाग लें।
  • भूमिका के लिए निर्देशक के निर्देशों का पालन करें।
  • भाषण, इशारों और शरीर के हाव-भावों का उपयोग करते हुए भूमिकाओं को चित्रित और व्याख्या करें।
  • फिल्मों या नाटकों से संबंधित घटनाओं को साक्षात्कार या उपस्थित करके प्रचार अभियानों में भाग लें।

एक अभिनेता का कौशल

वक्तृत्व कौशल: अभिनेता, चाहे मंच के अभिनेता हों या टेलीविजन और फिल्म के अभिनेता, उनमें उत्कृष्ट वक्तृत्व कौशल होना चाहिए। चरित्र के लिए डिज़ाइन की गई लाइनों को वितरित करने के लिए उनके पास सही पिच होनी चाहिए।

समझ कौशल: एक अभिनेता को आसानी से स्क्रिप्ट पढ़ने और विश्लेषण करने की क्षमता होनी चाहिए। एक अभिनेता सर्वश्रेष्ठ देने में सक्षम नहीं होगा यदि वह चरित्र को समझ नहीं पाया है या नहीं।

संस्मरण क्षमता: एक अभिनेता और विशेष रूप से मंच अभिनेताओं के पास उत्कृष्ट संस्मरण शक्तियां होनी चाहिए। अभिनेताओं को लंबे और जटिल संवाद याद करने होते हैं। टेलीविजन अभिनेताओं को स्क्रिप्ट याद करने के लिए बहुत कम समय मिलता है।

रचनात्मकता: एक चरित्र को चित्रित करते समय एक अभिनेता को अभिनव होना चाहिए। उन्हें सबसे विश्वसनीय तरीके से पात्रों की भावनाओं और उद्देश्यों की व्याख्या करने में सक्षम होना चाहिए।

एक अभिनेता के पक्ष और विपक्ष की बातें

पक्ष
  • तत्काल प्रसिद्धि और सेलिब्रिटी की स्थिति की संभावना।
  • किसी की प्रतिभा और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने का दायरा।
  • विशेष रूप से स्थापित अभिनेताओं के लिए उच्च वेतन।
  • सुविधाजनक काम के घंटे।
  • पुरस्कार और दुनिया भर में पहचान।
  • शोहरत और दौलत की कमी नहीं
  • काम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके मिलेंगे
  • रिटायरमेंट की कोई उम्र सीमा नहीं है
विपक्ष
  • थकाने वाले और तनावपूर्ण कार्यक्रम।
  • कोई निजी जीवन नहीं।
  • प्रतिस्पर्धी बाजार में जीवित रहने के लिए एक व्यक्ति को बेहद प्रतिभाशाली होना चाहिए।
  • केवल वरिष्ठ कलाकारों के लिए अच्छा पे पैकेट।
  • अस्वीकृति और विफलता के लिए तैयार रहें।
  • बहुत ही अल्पकालिक करियर

भारत में अभिनय का दायरा

हालाँकि बॉलीवुड को सभी अभिनेताओं का अंतिम लक्ष्य माना जाता है, लेकिन आप टीवी चैनलों पर अभिनय के कार्य अपना कर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। ये चैनल संख्या में बढ़ रहे हैं और मेगा धारावाहिक, रियलिटी शो, गेम शो और विभिन्न संगीत शो के साथ बढ़ रहे हैं। भारत में फिल्म उद्द्योग बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। दिन प्रतिदिन नए नए प्रोडक्शन हाउस खुल रहे है, नये नए फिल्म और टीवी सीरियल का निर्माण हो रहा है, जहाँ पर एक्टरों की काफी डिमॉन्ड रहती है। बॉलीवुड और टीवी सीरियल के अलावा भी भारत में स्थानीय भाषओं में भी फिल्मों का निर्माण प्रगति पर है। आप यहाँ पर भी अभिनय में मौके तलाश सकते हैं। इसके अलावा विज्ञापन फिल्मों में भी आप एक्टर के तौर पर काम कर सकते हैं।  यह सब आगामी अभिनेताओं के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए बहुत सारे अवसर लाता है। आप एक मंच कलाकार भी बन सकते हैं और थिएटर और नाटक में भाग ले सकते हैं। पूरे भारत में कई संस्थान अभिनय पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।

अभिनय में करियर बनाने के लिए आवश्यक योग्यता 

वैसे अगर देखें तो अभिनय में करियर बनाने के लिए किसी स्कूल या कॉलेज वाली शिक्षा की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र के अच्छे कॉलेजों में दाखिले के लिए किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास या ग्रेजुएट होना जरूरी है। इस क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा इन अभिनय का दो वर्षीय कोर्स, डिप्लोमा इन अभिनय तीन साल का कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमा का तीन वर्षीय कोर्स और अभिनय फास्ट ट्रैक का छह महीने का कोर्स शामिल है। इन कोर्सेज के अलावा समय-समय पर कई वर्कशॉप भी आयोजित कराए जाते हैं, जिनमें अभिनय सें संबंधित बेसिक गुर सिखाए जाते हैं। अभिनय सीखने के लिए थियेटर भी ज्वॉइन कर सकते हैं। छोटे-बड़े हर शहरे में थियेटर लोकप्रिय है, वहां के संयोजक से संपर्क करके भी बेसिक जानकारी हासिल की जा सकती है।

प्रमुख फिल्म संस्थान
फिल्म इंस्टीट्यूट, पुणे
सत्यजीत रे फिल्म इंस्टीट्यूट, कोलकाता
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली
एशियन अकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलिविजन, नोएडा
दिल्ली फिल्म इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
अनुपम खेर की एक्टर प्रिपेयर्स इंस्टीट्यूट
सुभाष घई की व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल

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