संपादक

क्या आपको भी लिखने का शौक है, आप में भी यदि रचनात्मक लिखने का कौशल है एवं लेखन को व्यवस्थित करने का गुण है तो संपादन का क्षेत्र आपके लिए ही है। आप संपादक के रुप में अपने करियर को एक नया आयाम दे सकते हैं। यदि आपके पास एक बिंदु को व्यक्त करने के लिए सही शब्द खोजने आदत है, एवं  जा जटिल टुकड़े को सरल बनाना और पाठ में हेरफेर करना यहां तक कि उसे त्रुटिरहित करना आपको आता है तो संपादन का क्षेत्र आपके लिए ही करियर के दरवाजे खोल कर खड़ा है। संपादक की यदि परिभाषा की बात करें तो जिस तरह हर व्यक्ति, समाज और देश का अपना एक खास व्यक्तित्व होता है, जिसे प्रोफाइल कहते हैं। उसी तरह हर अखबार, हर पत्रिका या टीवी न्यूज चैनल का भी अपना एक अलग व्यक्तित्व होता है। किसी पत्र-पत्रिका या चैनल के इस व्यक्तित्व को गढ़ने का दायित्व जिस व्यक्ति पर होता है, वह ‘संपादक’ है। एक संपादक एक प्रिंट या एक फिल्म और वीडियो मीडिया में काम कर सकता है।

एक प्रिंट संपादक की भूमिका

प्रिंट संपादक यानि समाचार एवं पत्र-पत्रिकाओं में काम करने वाला संपादक प्रकाशन के लिए सामग्री की समीक्षा और संशोधन करता है।  वह यह देखता है कि समाचार में कौन सा विषय कहा मपर स्थित रहेगा, किस में क्या खामी है, वह खामियों को दूर करता है। सही शीर्षक देने के साथ समाचार में कांट-छैंट कर उसे पढ़ने योग्य बनाने का कार्य संपादक का ही होता है। संपादक की ज़िम्मेदारियाँ संपादकीय स्थिति के स्तर के साथ बदलती हैं। प्रिंट संपादकों की योजना, समन्वय, और पुस्तकों, समाचार पत्रों, पत्रिकाओं या वेबसाइटों में प्रकाशन के लिए सामग्री को फिर से लिखना होता है। एक तरह से वह इसका पुनः संशोधन भी करता है। एक संपादक के रुप में आप यह निम्न चीजें कर सकते हैं-
  • लेखन को पढ़ें और तय करें कि लेखनों को स्वीकार किया जा सकता है और प्रकाशन के लिए उपयुक्त है।
  • सामग्री की समीक्षा करें, साहित्यिक चोरी की जाँच करें और लेखक को परिवर्तन सुझाएं।
  • पुस्तक में जोड़े जाने वाले लेआउट, फ़ॉन्ट शैली, चित्र और ग्राफिक्स को अंतिम रूप दें।
  • अनुसंधान और तथ्यों और आँकड़ों को सत्यापित करें।
  • संपादकों या फ्रीलांस संपादकों की प्रतिलिपि बनाने के लिए कार्य की योजना बनाएं और आवंटित करें।
  • समय पर और त्रुटि मुक्त प्रकाशन सुनिश्चित करें।
  • संपादक कलाकृति, लेआउट, कंप्यूटर टाइपसेटिंग और प्रिंटिंग सहित ओवर्स उत्पादन, समय सीमा और बजट आवश्यकताओं का पालन सुनिश्चित करता है।
  • पत्रकारों और अन्य संपादकों के काम का पर्यवेक्षण और समन्वय करना।
समाचार पत्र आमतौर पर विभिन्न स्तरों पर संपादकों को नियुक्त करते हैं। एक प्रबंध संपादक पूरे संस्करण के काम की देखरेख करता है। अन्य संपादक जैसे सहायक संपादक और विषय संपादक प्रबंध संपादक को रिपोर्ट करते हैं। समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाली कहानियों पर उनका एक अंतिम चयन होता है। असाइनमेंट संपादक निर्धारित करते हैं कि कौन सा रिपोर्टर किसी दिए गए कहानी को कहां कवर करेगा। कॉपी एडिटर ज्यादातर सटीकता, सामग्री, व्याकरण और शैली के लिए एक रिपोर्टर की कॉपी की समीक्षा करते हैं और संपादित करते हैं।

डिजिटल संपादक

आज जिस तरह से डिजीटलाइजेशन हो रहा है उसके कारण अधिकतम समाचार अब डिजीटल मीडिया के माध्यम से ही पढ़े जा रहे हैं। जिसे देखते हुए इस क्षेत्र में भी संपादको की आवश्यकता होती है। नवीनतम प्रौद्योगिकी के परिचय और अनुकूलन ने संपादकों के नौकरी परिदृश्य में बदलाव को प्रेरित किया है। यदि आपने इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल एडिटिंग के उपकरण और तकनीक सीख ली है, तो आप दूसरों पर लाभान्वित होंगे।
  • एक डिजिटल एडिटर को प्रोडक्ट को अंतिम रूप देने के लिए कंप्यूटर एडिटिंग सिस्टम, वीडियो स्विचिंग उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक टाइटलिंग सिस्टम और डिजिटल वीडियो इफेक्ट्स इकाइयां स्थापित और संचालित करने में सक्षम होना चाहिए। डिजिटल एडिटर विभिन्न क्षेत्रों जैसे फोटोग्राफी, फिल्म और वीडियो, वेबसाइट जैसे सोशल मीडिया या ब्लॉग एडिटर आदि में काम कर सकता है।
  • डिजिटल संपादन वर्तमान में समृद्ध नौकरियों में से एक है और भविष्य में विकास के अवसरों का वादा करता है। जैसे कि इस डिजीटल दुनिया में, जहां सामग्री से लेकर ग्राफिक्स तक सब कुछ डिजिटल है, डिजिटल संपादक, विशेष रूप से, निकट भविष्य में संपादन दुनिया पर शासन करेगा। एक डिजिटल संपादक पुस्तकालय और अभिलेखागार में भी नौकरी पा सकता है जहां लाइब्रेरियन अपने अभिलेखीय सामग्री को डिजिटल रूप देने के लिए प्रयास करते हैं

डिजिटल संपादक के लिए आवश्यक कौशल

  • धाराप्रवाह भाषा।
  • वेब के लिए लिखने और ऑनलाइन दर्शकों को लुभाने की बेहतरीन समझ के साथ उत्कृष्ट संपादकीय कौशल।
  • संपादक का ज्ञान
  • विषयो की समझ
  • लेखन कौशल
  • डिजिटल ट्रेंड का ज्ञान।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, सामग्री प्रबंधन प्रणाली, छवि-संपादन सॉफ्टवेयर, एमएस विंडोज सहित अनुप्रयोगों और सॉफ्टवेयर की एक श्रृंखला का उत्कृष्ट ज्ञान होना। 

फिल्म या वीडियो संपादक

फिल्म संपादक एक सही क्रम बनाने के लिए फुटेज का चयन करते हैं और उसमें कांट-छांट कर मुख्य मुद्दे पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। यह फिल्म संपादक फिल्म के निर्माण के बाद के चरणों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संपादक सच्चे कहानीकार हैं। निर्देशक बहुत सारे शॉट्स और फुटेज कैप्चर करते हैं, जिसे बाद में एडिमैबेशन के लिए एडिटर टेबल पर रखा जाता है। सुसंगत तरीके से सभी फुटेज को जोड़कर, संपादक निर्देशक के साथ परामर्श के बाद कहानी को सफलतापूर्वक बुनता है। यदि संपादक सही तरह से वीडियों की एडटिंग नहीं करता तो व्यर्थ के फुटेज सामने आ जाते हैं जिसे जनता नकार देती है। कहानी को कसी हुई एवं स्पष्ट बनाने का कार्य वीडियों सपांदक का ही होता है। 

एक फिल्म या वीडियो संपादक की भूमिका
  • फिल्म के प्रवाह को निर्धारित करने के लिए निर्देशक के साथ काम करता है।
  • दर्शकों के लिए सही सामग्री प्रस्तुत करता है।
  • निर्देशक और निर्माता के साथ उपयोग की जाने वाली संपादन तकनीकों पर चर्चा और निर्णय लेता है।
  • संपादन के लिए सही उपकरण और सॉफ्टवेयर का चयन करता है।

एक संपादक के लिए आवश्यक कौशल

लेखन कौशल: संपादकों को अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए और व्याकरण और विराम चिह्न पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। उन्हें पता होना चाहिए किस शब्द का प्रयोग कहां करना है।
पैनी नजर: एक संपादक के रूप में किसी भी त्रुटि को पकड़ने में महारत हासिल होनी चाहिए। एक संपादक की नजरें पैनी होनी चाहिए वो दूर से ही गलतियों को पहचान जाए और उसे त्रुटि विहिन करें।  यह भाषा, वाक्यविन्यास या तथ्यात्मक होना चाहिए।

निर्णय लेने का कौशल: संपादकों को त्वरित निर्णय लेने की शक्ति प्रदर्शित करनी चाहिए। उन्हें न केवल सही निर्णय लेना होचा है, बल्कि इसे त्वरित और तेज भी करना होता है।

संचार और पारस्परिक कौशल: संपादकों को मजबूत संचार कौशल की आवश्यकता होती है। उन्हें सभी स्तरों पर लोगों के साथ संवाद करने की आवश्यकता है। पब्लिशिंग हाउस के लिए काम करने वाले संपादकों को भी लेखकों और मार्केटिंग से जुड़े लोगों के साथ मजबूत तालमेल बनाए रखना चाहिए।

कंप्यूटर और उपकरण ज्ञान: फिल्म संपादकों को संपादन सॉफ्टवेयर का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। उन्हें कंप्यूटर और संपादन उपकरणों को संभालने में आसानी होनी चाहिए।

प्रोडक्शन ज्ञान: किसी भी क्षेत्र के संपादक चाहे फिल्म हो या प्रिंट संपादकों को प्रोडक्शन प्रोसेस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। प्रिंट संपादकों को पुस्तक या पत्रिका की रूपरेखा और पृष्ठ लेआउट से अच्छी तरह वाकिफ होना चाहिए जबकि फिल्म संपादकों को साउंड एडिटिंग, पटकथा लेखन और निर्देशन जैसे अन्य पहलुओं का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।

आवश्यक योग्यता

अगर आप संपादन में करियर बनाना चाहते है तो आपको इसके लिए प्रोफेशनल कोर्स करना होगा। देश के कई इंस्टीट्यूट में इसके सर्टिफिकेट से लेकर डिप्लोमा और डिग्री कोर्स करवाएं जाते है। इन कोर्सेस में आपको एडिटिंग के सभी पहलुओं की जानकारी दी जाती है। जैसे नॉन-लीनियर एडिटिंग, प्रोफशनल एडिटिंग, कैमरा बेसिक्स, ग्राफिक्स और स्पेशल इफेक्ट टेक्निक्स, मीडिया एवं जनसंचार, पत्रकारिता आदि। वीडियो एडिटिंग के डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए आपका किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा पीजी डिप्लोमा कोर्स करने के लिए किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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