भारतीय सशस्त्र बल में करियर

क्या आपको भी साहसी कार्य करना पसंद है, क्या आप कुछ अलग हटकर करियर चुनना चाहते हैं, क्या आपके अंदर भी अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा है, क्या आप अपने देश की सेवा में नाम कमाना चाहते हैं, तो देश की सेवा करने और नित-दिन नए रोमांच के बीच करियर बनाने का सुनहरा अवसर आपको भारतीय सशस्त्र बल प्रदान करता है। युवा जो उत्साह, साहस और चुनौतियों का करियर चुनने की इच्छा रखते हैं, उनकी सभी उम्मीदों को पूरा करने के लिए रक्षा क्षेत्र से बेहतर जगह नहीं मिल सकती।  एक किशोर के लिए सबसे कठिन विकल्पों में से एक सही करियर चुनना होता है। भारत में सबसे आम करियर विकल्प इंजीनियर, डॉक्टर, वकील या प्रशासनिक सेवाओं के हैं। लेकिन इसके विपरित सशस्त्र बलों में करियर बनाना एक साहसी कार्य है जिसके लिए ना केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी आगे आ सकती हैं। आज सशस्त्र बल सबसे अच्छे और आकर्षक करियर में से एक है।

राष्ट्र की सेवा करने के लिए उत्साह, और चुनौतियों से निपटने के लिए रक्षा अभियान इसकी ओर इशारा करते हैं। यह सबसे प्रतिष्ठित और विस्मयकारी करियर में से एक माना जाता है। रक्षा, बाहरी खतरों के खिलाफ देश की सुरक्षा की रीढ़ की हड्डी यह क्षेत्र बनता है। रक्षा कर्मी शांति-पालन संचालन और मानवीय कार्य का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार हैं। किसी भी देश की रक्षा के लिए अर्थात् सेना, नौसेना और वायु सेना की तीन प्राथमिक शाखाएं होती हैं। आप तीनों में से किसी एक में  अपनी पसंद के आधार पर सेवा करने का विकल्प चुन सकते हैं। सभी क्षेत्रों के लिए आपको अलग-अलग प्रवेश और प्रशिक्षण प्रक्रियाएं करनी होंगी।

सशस्त्र बलों या इसकी संबद्ध सेवाओं में शामिल होना वास्तव में किसी भी भारतीय के लिए बहुत गर्व की बात है। तीनों सेवाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) में से किसी में शामिल होने से आप न केवल देश को अंदर बल्कि बाहरी दोनों दुश्मनों से बचाने के लिए जिम्मेदार होंगे। साथ ही आप प्राकृतिक आपदाओं के समय मदद भी प्रदान करेंगे।

सेना का जीवन रोमांच और वृद्धि से भरा है। सेना के आदमी के जीवन में कभी भी नीरस क्षण नहीं होता है। संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की तरह सशस्त्र बल भी मानवीय कार्यों में शामिल हैं। सशस्त्र बलों का वेतन और भत्ते भी आकर्षक हैं। सशस्त्र बलों के नेतृत्व में जीवन की गुणवत्ता बहुत उच्च स्तर की है। आप इसमें विभिन्न रुप में करियर बना सकते हैं। भारतीय सेना विभिन्न क्षेत्रों, जैसे एयर डिफेंस, कॉम्बैट यूनिट, इंजीनियरिंग और आईटी यूनिट, आर्मी सर्विसेज कॉर्प, एजुकेशन इत्यादि में काम करने का अवसर प्रदान करती है। नौसेना कार्यकारी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, इलेक्ट्रिकल और एजुकेशनल में काम करने की अनुमति देती है। वायुसेना के अवसरों में फ्लाइंग शाखा, तकनीकी शाखा, या ग्राउंड ड्यूटी शाखा में काम करना शामिल है।

आवश्यक योग्यता

सम्मिलित रक्षा सेवा (सीडीएस) वर्ष में दो बार आयोजित होती है। नौसेना, वायुसेना और थलसेना के लिए होने वाली इस परीक्षा के लिए अभ्यार्थियों को स्नातक तथा 12वीं कक्षा भौतिकी व गणित विषयों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदक की उम्र 19 से 23 वर्ष के मध्य होना चाहिए। लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद प्रतियोगी को शारीरिक, मानसिक परीक्षण व चयन समिति द्वारा लिए जाने वाले साक्षात्कार से गुजरना पड़ता है। 

शारीरिक मापदंड - आवेदक की ऊँचाई 162.5 सेमी हो, उसे रतौंधी न हो तथा दृष्टि 6/6 हो। आवेदक से अपेक्षा की जाती है कि वह निर्धारित दूरी की दौड़ नियत समय में पूरी कर सके तथा अन्य शारीरिक परीक्षण में खरा उतरे। इस दौरान आवेदक की श्रवणशक्ति तथा अन्य परीक्षण भी किए जाते हैं।  इसके अलावा रक्षा सेवा की विभिन्न तकनीकी, चिकित्सा शाखाओं तथा इलेक्ट्रॉनिक्स/दूरसंचार/विद्युत/इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार/यंत्र विज्ञान/कम्प्यूटर विज्ञान में डिग्री या वैमानिकी/यांत्रिकी में इंजीनियरी की उपाधि, इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक उपाधि प्राप्त महिलाएँ तकनीकी शाखा में नियुक्ति पा सकती हैं। आवेदक की उम्र 19-28 वर्ष के मध्य होना चाहिए।

भारतीय थल सेना

भारतीय थलसेना में विशेष भर्ती योजना के तहत विभिन्न पदों की रिक्तियों पर महिला प्रत्याशियों को नियुक्त किया जाता है। थलसेना में आर्मी सर्विस कोर के अंतर्गत खाद्य वैज्ञानिक व केटरिंग ऑफिसर पद पर नियुक्ति की जाती है। इनके लिए शैक्षणिक योग्यता माइक्रोबायलॉजी/बायो केमिस्ट्री (ऑरगेनिक कैमेस्ट्री) में स्नातकोत्तर उपाधि व बी.एस-सी. (गृह विज्ञान) अथवा होटल मैनेजमेंट में तीन वर्षीय डिप्लोमा आवश्यक है। भारतीय सेना में आप एक स्थायी अधिकारी के रूप में या कम सेवा आयोग में शामिल हो सकते है। पात्रता मानदंड और प्रवेश परीक्षा के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें

भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना में महिलाओं की भर्ती विभिन्न संवर्गों में की जाती है। वायु परिवहन नियंत्रण शाखा में भर्ती के लिए आवेदक को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों में भौतिकी व गणित में स्नातक नौसेना के कैडर के पदों हेतु एलएलबी डिग्री न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ होना चाहिए। भारतीय नौसेना के एक अधिकारी के रूप में आप किसी भी घुसपैठ और हमलों के खिलाफ भारत के तट की रक्षा करेंगे। वित्तीय लाभों के अलावा, व्यक्तिगत विकास और अपार नौकरी की संतुष्टि इस करियर को बेहद फायदेमंद बना सकती है। प्रवेश परीक्षा और भारतीय नौसेना के वेतन और भत्तों के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें

भारतीय वायु सेना

भारतीय वायु सेना के अधिकारियों के लिए आकाश की सीमा नहीं है। यदि आप भारतीय वायु सेना में शामिल होना चाहते हैं, तो आप या तो यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के लिए या राष्ट्रीय कैडेट कोर के रूप में उपस्थित हो सकते हैं। भारतीय वायुसेना में महिलाओं पायलट/नेवीगेटर के पदों पर नियुक्ति पा सकती हैं। इसके लिए उन्हें स्नातक तथा 12वीं कक्षा भौतिकी व गणित विषयों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदक की उम्र 19 से 23 वर्ष के मध्य होना चाहिए। पायलट एप्टीट्यूड बेट्री टेस्ट में सफल होने के बाद प्रतियोगी को मनौवैज्ञानिक परीक्षण व साक्षात्कार से गुजरना पड़ता है। उन्हें रतौंधी न हो तथा वे चश्मा नहीं लगाती हों।  भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं और भर्ती प्रक्रिया के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें

अर्धसैनिक बल

भारतीय अर्धसैनिक बल समय-समय पर सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और केंद्रीय रिजर्व बल जैसे विभिन्न प्रभागों के तहत कर्मियों की भर्ती करता है। केन्द्रीय पुलिस संगठन (सीपीओ) की परीक्षा वर्ष में एक बार होती है। सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल व केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (ग्रेड 2 असिस्टेंट कमांडेंट, ग्रेड 3 सब-इंस्पेक्टर) के लिए यह आयोजित की जाती है। आवेदक की आयु सीमा 19 से 25 वर्ष तथा न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक या समकक्ष है।  इन बलों के प्रवेश और भर्ती प्रक्रिया के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें

भारतीय तटरक्षक बल

भारतीय तटरक्षकों का कार्य मुख्य रुप से हमारे समुद्री क्षेत्रों में कृत्रिम द्वीपों, अपतटीय संस्थापनाओं तथा अन्य संरचना की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना, मछुवारों की सुरक्षा करना तथा समुद्र में संकट के समय उनकी सहायता करना, समुद्री प्रदूषण के निवारण और नियंत्रक सहित हमारे समुद्री पर्यावरण का संरक्षण और परिरक्षण करना, तस्करी-रोधी अभियानों में सीमा-शुल्क विभाग तथा अन्य प्राधिकारियों की सहायता करना, भारतीय समुद्री अधिनियमों का प्रवर्तन करना एवं समुद्र में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करना है। इनकी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें


इन सेवाओं में जाने वालो को एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि ये सेवाएँ सिर्फ आजीविका कमाने का जरिया ही नहीं हैं बल्कि ये आपको देश तथा समाज के लिए कुछ कर दिखाने का अवसर प्रदान करती हैं। इन सेवाओं में वही लोग जा सकते हैं जिनमें दृढ़ इच्छाशक्ति तथा कुछ अलग कर दिखाने का जुनून होता है। केवल क्षणिक जोश से इन सेवाओं में सफलता नहीं मिलती।

Connect me with the Top Colleges