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फार्मासिस्ट
यदि आपको दवाईयों के बारे में जानना अच्छा लगता है, यदि आपको डॉक्टर से जुड़ा करियर पसंद है, आप मेडिकल के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं तो आप फार्मासिस्ट के रुप में करियर बना सकते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि करियर विकल्प के रूप में फार्मासिस्ट खुदरा फार्मेसी नौकरियों से परे है। शिक्षा और प्रशिक्षण के सही नुस्खे के साथ आप अपना करियर विभिन्न सेटिंग्स- अस्पतालों, शोध संस्थानों, सरकारी स्वास्थ्य कार्यालयों, स्वास्थ्य बीमा कंपनियों, फार्मेसी और मेडिकल स्कूलों, विज्ञापन एजेंसियों, बड़ी वित्तीय फर्मों और निश्चित रूप से दवा कंपनियों में शुरू कर सकते हैं।
फार्मासिस्ट का कार्य होता है कि वह अस्पताल या स्वास्थ्य कार्यक्रम या परियोजना के अनुरुप मरीजों को डॉक्टरों के द्वारा प्रेस्क्राइब्ड दवाओं को उपलब्ध कराये और स्टॉक में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करे। साथ ही, दवाओं की कमी की स्थिति में क्रय के लिए रिपोर्ट भेजे। फार्मासिस्ट को सुनिश्चित करना होता है कि डॉक्टर ने जो दवा लिखी है उसे वह मरीजों को उपलब्ध कराये और उनके साइड इफेक्ट (यदि कोई हो) के बारे में बताये। इसलिए फार्मासिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स में से जरूरी है कि आपको स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां, रोगों के अनुरूप आवश्यक इस्तेमाल की जाने वाली प्रचलित दवाओं और कमी की स्थिति में रिपोर्ट बनाने आदि में निपुणता हो।
फार्मासिस्ट और फार्मेसी तकनीशियन
ये व्यवसाय समान पर्यावरण और कुछ समान कर्तव्यों को साझा करते हैं, लेकिन जिम्मेदारी, शिक्षा और मजदूरी में नाटकीय रूप से भिन्न होते हैं। फार्मासिस्ट अंततः तकनीशियनों के लिए जिम्मेदार है, कम से कम सात साल की शिक्षा और प्रशिक्षण है, और उच्च कार्य की मांग कर सकता है। फ़ार्मेसी तकनीशियन के पास ज़िम्मेदारी की बहुत कम डिग्री है, कोई मानकीकृत आवश्यक शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक नहीं होता है, और फार्मासिस्ट की तुलना में काफी कम मुआवजा मिलता है। दोनों ही करियर विकल्प उच्च मांग में हैं। अंततः, यह एक व्यक्ति की प्राथमिकताओं और करियर के लक्ष्यों पर निर्भर करता है कि वह फार्मिस्ट बनता है या फार्मेसी तकनीशियन।
फार्मासिस्ट की भूमिका
- चिकित्सक / डॉक्टरों से मौखिक रूप से एक नया प्रिस्क्रिप्शन ऑर्डर प्राप्त करना।
- पर्चे की पहचान, मूल्यांकन, व्याख्या और स्पष्टीकरण करना।
- रोगी को जारी करने से पहले पर्चे की पुष्टि करना।
- एक डॉक्टर के पर्चे या गैर-पर्चे दवा के बारे में एक रोगी से परामर्श करना।
- किसी भी चिकित्सक / चिकित्सक के साथ एक पेशेवर परामर्श करना।
- दवा उत्पाद का चयन करना।
फार्मासिस्ट के आवश्यक कौशल
मूल्याकंन कौशल: फार्मासिस्टों को कुशलतापूर्वक सुरक्षित दवाएं प्रदान करनी चाहिए। उन्हें ग्राहक की आवश्यकता का मूल्यांकन करना चाहिए, निर्धारितकर्ता के आदेशों का मूल्यांकन करना चाहिए और विशिष्ट चिकित्सा के बारे में व्यापक ज्ञान होना चाहिए।
पारस्परिक कौशल: फार्मासिस्ट अक्सर ग्राहकों को सलाह देते हैं। उन्हें यह समझाने की आवश्यकता हो सकती है कि दवा कैसे लेनी है, कब लेनी है। फार्मेसी तकनीशियनों और प्रशिक्षुओं को स्पष्ट दिशा देने की आवश्यकता होती है इसमें उनका अच्छा संचार कौशल काम आता है।
विवरण उन्मुख: फार्मासिस्ट उन नुस्खों को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं जो वे भरते हैं, क्योंकि दवा का अनुचित उपयोग गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।
प्रबंधकीय कौशल: फार्मासिस्ट, विशेष रूप से जो खुदरा फार्मेसी चलाते हैं, उनके पास प्रबंधकीय कौशल होना चाहिए, जिसमें इन्वेंट्री का प्रबंधन करना और कर्मचारियों की देखरेख करना शामिल है।
फार्मासिस्ट की शैक्षणिक योग्यता
फार्मासिस्ट बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से विज्ञान विषयों (फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बॉयोलॉजी या गणित) के साथ 12वीं उत्तीर्ण होना चाहिए इसके बाद बैचलर ऑफ़ फार्मेसी करने की आवश्यकता होती है। इसके पश्चात अनेक छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते है, ऐसे छात्रों को मास्टर डिग्री प्राप्त करनें के लिए एम ।फार्मा करना पड़ता है | एम फार्मा को मास्टर ऑफ़ फार्मेसी कहते है, यह दो वर्ष का पीजी कोर्स होता है, पीजी कोर्स करनें के पश्चात किसी विशेष फील्ड में स्पेशलिस्ट बन सकते है
फार्मासिस्ट की करियर संभावनाएं
बी.फार्मा करनें के पश्चात सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में जॉब की अपार सम्भावनायें होती है, सामान्यत: यह जॉब फार्मासिस्ट की होती है, कोर्स पूरा करनें के पश्चात, आप मेडिकल स्टोर के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते है, लाइसेंस मिलनें के बाद ग्रेजुएट सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट अस्पतालों और प्राइवेट मेडिकल क्लिनिक में फार्मासिस्ट्स के रूप में कार्य कर सकते है, अथवा आप स्वयं का मेडिकल स्टोर खोल सकते है | इसके अतिरिक्त ग्रेजुएट छात्रों को अनेक फार्मास्यूटिकल कम्पनियां ऑफर करती है, फार्मास्यूटिकल कंपनी में ग्रेजुएट कई विभागों जैसे मैन्युफैक्चरिंग , पैकिंग , क्वालिटी कण्ट्रोल , मार्केटिंग आदि में कार्य कर सकते है, इसके लिए लगभग प्रत्येक राज्य में सरकारी जॉब भी निकलती रहती है, सरकारी संस्थानों में ड्रग इंस्पेक्टर , पोडर्स एंड ओआरएस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और स्टेट ओन्ड टेबलेट्स आदि में जॉब प्राप्त कर सकते है |
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