अभिवावकों के दबाव से कैसे बचें

सभी माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा करियर चाहते हैं, वो चाहते हैं कि उनके बच्चो का भविष्य उज्जवल हो। लेकिन जब उम्मीद का स्तर काफी हद तक बढ़ जाता है तो गुस्से और हताश की फसल उग आती है और फिर अपने बच्चों के लिए उन्हें जो ठीक लगता है वो बिना उनकी मर्जी जाने उनसे करने का दबाव बनाने लगते हैं। परिणामस्वरूप, अभिभावक उन पर अतिरिक्त दबाव बनाने लगते हैं, भले ही उन्हें इसका एहसास भी न हो। अपनी अपेक्षाओं को बच्चों के ऊपर भार के रुप में लाद देते हैं जिससे बच्चा अपनी चाह औऱ रुचियों को छोड़ कर ऐसे विषय को पढ़ने लगता है जो ना तो उसकी पसंद के होते हैं ना उसे समझ आते हैं। जिसके कारण कई बच्चे अवसाद ग्रस्त भी हो जाते हैं जो कई गुना घातक होता है। इस अनचाहे दबाव से बचने के लिए बच्चों को कुछ कार्य करने चाहिए जो नीचे दिए गए हैं।

शांत रहें

तनाव कम करने का सबसे अच्छा उपाय है शांत बने रहे। शांत बने रहना कुछ ऐसा है जो हमेशा बहुत मददगार होता है। यदि आपके माता-पिता एक ही बात को दस बार कह रहे हैं कि अच्छे अंक लाओ, ज्यादा पढ़ाई करो फिर भी आप शांत बने रहें। उनकी बातों से विचलित ना हो। किसी के चिल्लाने का कोई महत्व नहीं होता है। लेकिन अगर आप गंभीरता से अपने माता-पिता को सुनना चाहते हैं कि वो क्या कहना चाहते हैं और आप क्या करना चाहते हैं तो आप शांतिपूर्ण उनसे बात करें। अपनी बातों को उन्हें समझाएं कि आपको क्या करना अच्छा लगता है, आपकी क्या कमजोरी है। शांत रहकर अपनी बातें कहना हमेशा लाभदायक होता है।

वो हैं-

आप चीजों पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए पर्याप्त परिपक्व हैं।
आपकी बातें माता-पिता को आपके गंभीर विचार करने पर मजबूर करेगी।
आगे इस चर्चा के दौरान उनकी राय सुनने के लिए आप अधिक इच्छुक होंगे।

अपने तर्क को जानें

अपने माता-पिता से क्या कहना है, इसके बारे में आश्वस्त रहें और यह भी सुनिश्चित करें कि आप अपने तर्क को जानते हैं और इसे इस तरीके से पेश करें कि आपके माता-पिता आपकी बातों से आश्वस्त हो जाएं। अपनी बातों को सदैव तर्क के साथ और समझदारी पूर्ण बताएं। एक ठोस तर्क के विभिन्न पहलू हमेशा समान रहते हैं:

यदि आप मेडिकल के बजाय 12 वीं कक्षा के बाद अंग्रेजी में आगें प्रसिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें याद दिलाते रहें कि आप केवल अंग्रेजी में ही अच्छा कर सकते हैं। किसी अन्य विषय को अपने करियर के साथ प्रयोग नहीं करने देना चाहते हैं, उन्हें अपनी इच्छा और अंग्रेजी के अंकों को दिखलाएं कि आप इस विषय में अधिक अच्छा कर सकते हैं।

यह दूसरा तरीका है कि कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि आप 12 वीं कक्षा के बाद मेडिकल कोर्स करना चाहते हैं, लेकिन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश नहीं मिलता। तो एक साल छोड़ने में संकोच न करें और फिर से प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित हों, अपनी तैयारियों को पूरा करें। आप अपने माता-पिता को यह समझा सकते हैं कि आप बीएससी करने की उनकी इच्छा को समझते हैं लेकिन आप साल खराब होने की वजह से डिग्री कोर्स नहीं करना चाहते है। आप माता-पिता को अधिक प्रासंगिक आंकड़े और संख्याएं दिखाएं कि कैसे लोगों ने एक साल का अंतराल लेने के बाद भी अपने करियर की बुलंदियों को छुआ है।

विशेषज्ञ की सलाह लें

किसी ऐसे व्यक्ति से विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा महत्वपूर्ण होता है, जिसके साथ आप अपनी समस्या साझा कर सकते हैं और एक अच्छे समाधान की उम्मीद कर सकते हैं। फिर वह चाहे परिवार का कोई सदस्य हो, जो आपके माता-पिता के दिमाग में यह बात डालने का काम कर सकता है या आपका कोई जानकार हो। विशेषज्ञों की सलाह सदैव आपके और आपके माता-पिता को सहायक होती है।

समझौता करने के लिए तैयार रहें

हर समय अपना रास्ता पाने के लिए चीजों की अपेक्षा करना अवास्तविक है। जब आपके माता-पिता आप पर दबाव डालते हैं, तो आपको यह समझना चाहिए कि वे ऐसा करते हैं क्योंकि हो सकता है कि वे इस विषय के बारे में भावुक थे लेकिन किसी कारण से आगे नहीं बढ़ सके। इसलिए समझौता करने के लिए तैयार होने के साथ, अपने माता-पिता को दिखाएं कि आप कम से कम उनके जुनून को समझते हैं और उनके सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

माता-पिता का अतिरिक्त दबाव कभी-कभी आपके जीवन को जीते जी नरक बना देता है, लेकिन इन आसान युक्तियों का पालन करने से आपका दबाव काफी हद तक कम हो सकता है। आपके माता-पिता का दबाव उनकी अपेक्षाएं भी जीवन का एक चरण है जो जल्द ही गुजर जाएगा इसलिए इस दबाव को अपने ऊपर हावी ना होने दें।

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