मरिन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्ट

यदि आपको भी समुद्र की लहरें अपनी ओर आकर्षित करती हैं तो आप मरिन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्ट का क्षेत्र आपके लिए ही है। आज नेवल आर्किटेक्ट या नेवल इंजीनियर्स का क्षेत्र इतना व्यापक हो चुका है कि आप इसमें करियर की संभावनाएं तलाश सकते हैं। आज समुद्र के रास्ते शिप के जरिए पूरी दुनिया में खूब कारोबार हो रहा है। ऐसे में नेवल आर्किटेक्ट या नेवल इंजीनियर्स की डिमांड भी बढ़ने लगी हैं। समुद्री इंजीनियर और नौसेना आर्किटेक्ट समुद्र में काम करने वाले जहाजों, नावों और अन्य मशीनरी के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार पेशेवर होते हैं। वे जहाजों को डिजाइन करते हैं और पानी में संचालित होने वाली हर चीज के इमारत की देखभाल करते हैं। वे एक जहाज, टैंक या पनडुब्बियों से संबंधित प्रणोदन, स्टीयरिंग और अन्य प्रणालियों पर काम करते हैं। नौसेना के आर्किटेक्ट समुद्र में संचालित होने वाले जहाजों और अन्य उपकरणों के डिजाइनिंग कार्य करते हैं। इन इंजीनियरों को शिप इंजीनियर या मरीन इंजीनियर भी कहा जाता है। इस क्षेत्र के लिए आप में चुनौतियों से जूझने का जज्बा और देश-विदेश घूमने का शौक होना चाहिए यह काफी रोमांचक करियर विकल्प है।

भारत में मरिन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्ट की भूमिका

मरिन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्ट इंजीनियरिंग की एक शाखा है, जिसका संबंध समुद्री यातायात से होता है। वहीं, नेवल आर्किटेक्ट के तहत शिप मेंटेनेंस, शिप कंस्ट्रक्शन और शिप डिजाइनिंग जैसे काम आते हैं. नेवल आर्किटेक्चर, शिप बिल्डिंग और शिपिंग टेक्नोलॉजी के तहत शिप डिजाइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मेंटिनेंस और समुद्री मार्ग पर यातायात आदि में इस्तेमाल होने वाले साधनों, मसलन जहाजों और पनडुब्बियों की मरम्मत का कार्य सिखाया जाता है। नेवल इंजीनियरिंग के क्त्रेज का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इससे संबंधित कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स कभी खाली नहीं बैठते हैं। वर्तमान में नेवल इंजीनियर्स की मांग देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी खूब है। 

आमतौर पर एक समुद्री इंजीनियर / नौसेना वास्तुकार निम्नलिखित गतिविधियों का प्रदर्शन करता है-

  • योजनाबद्ध, चित्र और सिस्टम लेआउट बनाना।
  • दक्षता और प्रदर्शन के लिए समुद्री मशीनरी की जाँच करता है
  • समुद्री मशीनों, टैंकों और अन्य उपकरणों को समुद्र में संचालित करने के लिए टेस्ट करता है।
  • समुद्री उपकरणों की डिजाइन, परीक्षण, स्थापना और उनकी मरम्मत करता है।
  • समुद्री जहाजों के निर्माण और संचालन के संबंध में नियामक दिशानिर्देशों का पालन करता है।
  • साथी मरीनर्स द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीकी रिपोर्टें पेश करता है।
  • एक समुद्री परियोजना की लागत का अनुमान लगाता है।
  • समुद्री इंजीनियरिंग और नौसेना वास्तुकला एक महान पेशे में से एक है और इसकी परिचालन सीमाओं के संबंध में अन्य इंजीनियरिंग विषयों से अलग है।

शैक्षणिक योग्यता

नेवल आर्किटेक्ट या शिप टेक्नोलॉजिस्ट के तौर पर करियर बनाने के लिए नेवल आर्किटेक्चर, शिप बिल्डिंग या समुद्री इंजीनियरिंग में बी.टेक, बीई, बीएससी इन शिप बिल्डिंग ऐंड रिपेयरिंग जैसे कोर्स कर सकते हैं।एडमिशन लेने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ में कम से कम 55 फीसदी मा‌र्क्स जरूरी है। इसके अलावा, 10वीं और 12वीं में अंग्रेजी में 50 फीसदी मा‌र्क्स होना चाहिए। इसमें उन्हीं स्टूडेंट्स को आवेदन करने का मौका मिलता है, जो सीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। एडमिशन के लिए लिखित परीक्षा में 180 ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल होते हैं, जो पीसीएम/इंग्लिश/जनरल नॉलेज और रीजनिंग पर आधारित होते हैं।

इंडियन मरीटाइम यूनिवर्सिटी, कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी (सीयूओसएटी) के अलावा, हिंद इंस्टीट्यूट ऑफ नॉटिकल साइंस ऐंड इंजीनियरिंग से शिप बिल्डिंग ऐंड रिपेयरिंग का कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ इंस्टीट्यूट में शिप बिल्डिंग में बी.टेक कोर्स भी उपलब्ध है, जैसे-आईआईटी मद्रास द्वारा नेवल आर्किटेक्चर और समुद्री इंजीनियरिंग में बी.टेक कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स में दाखिले के लिए सीईटी (कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) आयोजित किया जाता है, जिसे आईएमयू (इंडियन मरीटाइम यूनिवर्सिटी)कंडक्ट करता है।समुद्री जहाज, जहाजों के इंजन के रखरखाव के क्षेत्र में, शिपयार्ड, मर्चेंट नेवी, मालवाहक जलयान, जहाज निर्माण के क्षेत्र में जॉब की अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं. इस क्षेत्र में अपनी योग्यता के हिसाब से काफी तरक्की मिलती है. यही नहीं, इस क्षेत्र में वेतन भी अच्छा मिलता है।

समुद्री इंजीनियरों और नौसेना आर्किटेक्ट के लिए आवश्यक कौशल

शैक्षणिक आवश्यकताएं: मरीन इंजीनियरिंग और नौसेना आर्किटेक्ट्स पाठ्यक्रम समुद्री इंजीनियर्स और नौसेना वास्तुकला विभाग के माध्यम से इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्नातक पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता है। कार्यक्रम की अवधि सामान्य रूप से 4 वर्ष है। सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद स्नातक बीई / बी.टेक / बीएस प्रदान किया जाता है। मरीन इंजीनियर और नेवल आर्किटेक्ट प्रोग्राम में प्रवेश के लिए किसी को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ के कक्षा 12वीं के स्तर की शिक्षा की पास करनी होती है। प्रवेश परीक्षा सामान्य रुप से इसके लिए लागू होती है।ष समुद्री इंजीनियरिंग और नौसेना वास्तुकला में एमई, एम.टेक, पीएचडी आदि की विशेषज्ञता भी प्रदान की जाती है, जिसके लिए समुद्री इंजीनियरिंग और नौसेना वास्तुकला या संबंधित अनुशासन में स्नातक की योग्यता आवश्यक है।

व्यक्तिगत कौशल

श्रवण कौशल- मरीन इंजीनियर और नेवल आर्किटेक्ट होने के नाते एक अच्छा श्रोता होना चाहिए। एक मरीन इंजीनियर और नेवल आर्किटेक्ट को एक परियोजना पर काम करते समय साथी श्रमिकों और ग्राहकों से जानकारी इकट्ठा करने की आवश्यकता होती है।

गणतिज्ञ कौशल- मरीन इंजीनियर्स और नेवल आर्किटेक्ट्स को समुद्री मशीनरी और मरीन ऑपरेशंस पर काम करते हुए प्रॉब्लम सॉल्विंग के लिए एडवांस मैथमेटिक्स का इस्तेमाल करना पड़ता है इसके लिए इनका इस विषय में निपुण होना आवश्यक है।

समस्याओं का समाधान करने की क्षमता- मरीन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्चर प्रोजेक्ट्स में कई चुनौतियां आती हैं जैसे औद्योगिक उत्पादन, मशीनरी डिजाइन और सुरक्षा उपाय, उत्पाद प्रसंस्करण तकनीक, पर्यावरण और भूवैज्ञानिक चुनौतियां। एक मरीन इंजीनियर और नेवल आर्किटेक्ट को एक प्रॉब्लम सॉल्वर होने की जरूरत होती है, ताकि प्रोजेक्ट के दौरान आने वाले मुद्दों से निपट सकें।

टीम कार्यकर्ता- एक मरीन इंजीनियर और नेवल आर्किटेक्ट को एक अच्छा टीम कार्यकर्ता होना चाहिए। संचार कौशल पर्याप्त कुशल होना चाहिए ताकि टीम में अन्य आपके द्वारा किसी उत्पाद, परियोजना या मशीनरी से संबंधित निर्देशों का पालन कर सकें।

समुद्री इंजीनियरों और नौसेना आर्किटेक्ट्स का क्षेत्र

बाकी इंजीनियरिंग शाखाओं की तुलना में भारत में इस क्षेत्र में कम गुंजाइश है लेकिन यह भविष्यवाणी की जाती है कि जल्द ही दो-तीन वर्षों में शिपिंग उद्योग में प्रगति होगी। भारतीय नौसेना नौसेना इंजीनियरों को बहुत अच्छा अवसर प्रदान करती है। नेवल आर्किटेक्चर में कोर्स पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड में एक अधिकारी के रूप में शामिल हो सकते हैं। वह गार्डन रीचिंग, कोलकाता, मुंबई शिपयार्ड आदि जहाज निर्माण कंपनियों में भी काम कर सकते हैं।

चूंकि नौसेना में आर्किटेक्टर इंजीनियर है जो जहाजों, नावों और सभी प्रकार के समुद्री जहाजों और अपतटीय संरचनाओं के डिजाइन, निर्माण या मरम्मत के लिए जिम्मेदार है। एक नौसेना इंजीनियर व्यापारी जहाजों, तेल टैंकरों, गैस टैंकरों, थोक वाहक, कंटेनर आदि में रोजगार की तलाश कर सकता है। साथ ही वो क्रूज जहाज, विमान वाहक, पनडुब्बी, हॉवर शिल्प, पानी के नीचे वाहन, यात्री जहाज और घाट, अपतटीय ड्रिलिंग प्लेटफार्म, उच्च गति शिल्प और बहु-पतवार जहाज में भी रोजगार की संभावनाएं तलाश सकता है।

अन्य करियर विकल्प

एग्जिक्यूटिव ऑफिसर

इंजीनियरिंग ब्रांच 

सबमरीन ऑफिसर

एजुकेशन ब्रांच

नेवल आर्मामेंट इंस्पेक्शन

एविएशन ऑफिसर

इलेक्टिकल ब्रांच

हाइड्रोग्राफिक ऑफिसर 

प्रोवोस्ट ऑफिसर और लॉ ऑफिसर

नेवी ऑफिसर आदि।


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