आनुवंशिकी (जेनेटिक्स)

आनुवंशिकी (जेनेटिक्स) जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत आनुवंशिकता (हेरेडिटी) तथा जीवों की विभिन्नताओं (वैरिएशन) का अध्ययन किया जाता है. विशिष्ट गुणों का संचरण और उत्पत्ति जैसे आंखों का रंग, बालों की बनावट, ऊंचाई, वंशानुगत रोग आदि आनुवंशिकी के अंतर्गत आते हैं। आप अपने करियर के रूप में आनुवंशिकी को चुनकर हर दिन रोमांचक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और चिकित्सा प्रगति का हिस्सा बन सकते हैं।  इसके तहत आप विज्ञान की उन्नति, रोगियों की देखभाल और अगली पीढ़ी के जेनेटिक्स पेशेवरों को पढ़ाने के बड़े अवसर को प्राप्त कर सकते हैं।  एक सफल आनुवंशिकीविद् होने के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह कृषि, वंशानुगत रोगों, दवाइयां आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मदद करता है. एक वैज्ञानिक जो आनुवांशिकी का अध्ययन करता है उसे जनेटिसिस्ट कहा जाता है आनुवंशिकी केवल मनुष्यों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है यह पौधों और अन्य जीवित कोशिकाओं पर भी लागू होता है।

आनुवंशिकीविदों के कार्य

जेनेटिक्स विज्ञान की ही एक शाखा है, जिसमें वंशानुक्रम एवं डीएनए में बदलाव का अध्ययन किया जाता है। इस काम में बायोलॉजिकल साइंस का ज्ञान काफी लाभ पहुंचाता है। जेनेटिसिस्ट व बायोलॉजिकल साइंटिस्ट का काम काफी मिलता-जुलता है। ये जीन्स और शरीर में होने वाली आनुवंशिक विविधताओं का अध्ययन करते हैं। आने वाले कुछ दशकों में जेनेटिक्स के चलते कई अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिलेंगे।  जेनेटिक प्रोफेशनल्स का कार्य क्षेत्र काफी फैला हुआ है। इसमें जीव-जन्तु, पौधे व अन्य मानवीय पहलुओं का विस्तार से अध्ययन किया जाता है। जीन्स व डीएनए को सही क्रम में व्यवस्थित करने, पीढियों में बदलाव को परखने, पौधों की उन्नत किस्म के हाइब्रिड का विकास, पौधों की बीमारियों को जीन्स द्वारा दूर भगाने सरीखा कार्य किया जाता है। जीवों में इनका काम वंशानुगत चले आ रहे दुष्प्रभावों को जड़ से खत्म करना है। बतौर जेनेटिसिस्ट आप फिजिशियन के साथ मिल कर या सीधे तौर पर मरीजों या वंशानुक्रम बीमारियों से ग्रसित लोगों का उपचार कर सकते हैं।

आनुवंशिकीविदों का करियर सीमित नहीं है, वे नीचे दिए गए विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकते हैं:
  • अनुसंधान आनुवंशिकीविद
  • प्रयोगशाला आनुवंशिकीविद
  • जेनेटिक काउंसलर
  • क्लिनिकल आनुवंशिकीविद

आनुवंशिकीविदों की भूमिका

  •  बुनियादी जीनोमिक और जैविक अनुसंधान की योजना या संचालन करना।
  • आनुवांशिक प्रयोगशाला परिणामों को नोटबुक में  लिखना  और उसकी समीक्षा, अनुमोदन या व्याख्या करना।
  • उचित गणितीय या सांख्यिकीय गणना और विश्लेषण करके आनुवंशिक डेटा का मूल्यांकन करना।
  • तकनीकी रूप से अप-टू-डेट रहना और अपनी नौकरी के लिए नया ज्ञान लागू करना।
  • नैदानिक ​​और अनुसंधान सम्मेलनों में भाग लेना और तकनीकी प्रगति और वर्तमान आनुवंशिक अनुसंधान निष्कर्षों के बीच रखने के लिए वैज्ञानिक साहित्य पढ़ना।
  • आनुवंशिकी अनुसंधान परियोजनाओं पर काम करने वाले अन्य आनुवंशिकीविदों, जीवविज्ञानी, तकनीशियन, या बॉयोमीट्रिक के काम का पर्यवेक्षण या निर्देशन करते हैं।

आनुवंशिकीविदों  के आवश्यक कौशल 

विचारों का कौशल: किसी विषय के बारे में कई विचारों के साथ आने की क्षमता (विचारों की संख्या महत्वपूर्ण है, न कि उनकी गुणवत्ता, शुद्धता या रचनात्मकता)। आपके अंदर नए विचारों का आना आवश्यक है।

जटिल समस्या समाधान: विकल्प विकसित करने और मूल्यांकन करने और समाधानों को लागू करने के लिए जटिल समस्याओं की पहचान करना और संबंधित जानकारी की समीक्षा करना आना चाहिए।

सक्रिय श्रोता: जानकारी को प्रभावी ढंग से बताने के लिए दूसरों से बात करना और दूसरे लोग  क्या कह रहे हैं, इसे पूरे ध्यान  से सुनना चाहिए। 

निर्णय लेना: सबसे उपयुक्त को चुनने के लिए संभावित कार्यों के सापेक्ष लागत और लाभों को ध्यान में रखते हुए सही निर्णय लेना आना चाहिए।

रचनात्मक सोच: कलात्मक योगदान सहित नए अनुप्रयोगों, विचारों, रिश्तों, प्रणालियों, या उत्पादों को विकसित करना, डिजाइन करना या बनाना आना चाहिए। आपके अंदर रचनात्मकता होनी चाहिए।

आनुवंशिकीविदों के लिए शैक्षणिक योग्यता

कोई भी इस क्षेत्र में स्नातक, मास्टर और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर सकता है। आनुवांशिकी इंजीनियरिंग में करियर ज्यादातर एक शोध सहायक या एक प्रयोगशाला प्रबंधक होने तक सीमित है। जेनेटिक्स में पीएचडी के बिना, कोई भी करियर की सीढ़ी पर नहीं चढ़ सकता है। इसके तहत सूक्ष्म जीव विज्ञान, कोशिका जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और जैव रसायन में विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है।

भारत में आनुवंशिकीविदों की करियर संभावनाएं

जीव विज्ञान, जैव चिकित्सा और जीवन विज्ञान के क्षेत्र में करियर के बहुत सारे अवसर हैं। एक जेनेटिक्स डिग्री धारक के लिए नौकरी के अवसर का विस्तार जारी है। कई अलग-अलग प्रकार के नियोक्ताओं के लिए आनुवंशिकीविद् विभिन्न क्षमताओं में काम कर सकते हैं। उन्हें अस्पतालों, सैन्य, डीएनए फोरेंसिक विभाग, कृषि फर्मों और पशु प्रजनन उद्योग में नियोजित किया जा सकता है। उन्हें इस रूप में नियोजित किया जा सकता है:
  • सहायक प्रोफेसर
  • जेनेटिक्स प्रयोगशाला तकनीशियन
  • क्लिनिकल आनुवंशिकीविद
  • नियामक प्रक्रिया प्रबंधक
  • सलाहकार
  • संग्रहालय के शिक्षक
कुछ नियोक्ता जेनेटिक टेस्टिंग लैब्स, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, अपोलो अस्पताल और एम्स में नियुक्त होते हैं।

जैविक और बायोमेडिकल छात्र के लिए उपलब्ध करियर विकल्पों की अन्य सूची के लिए नीचे क्लिक करें:

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