बायोलॉजिकल और बायोमेडिकल विज्ञान में करियर

यदि आप जीव प्रक्रियाओं का अध्ययन, विश्लेषण, रोगों के उपचार, और पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के बीच संबंधों के बारे में जानने में रुचि दिखाते है साथ ही उसका आनंद लेते हैं, तो जैव चिकित्सा और जैविक विज्ञान में एक डिग्री हासिल कर आप एक सुनहरा करियर भविष्य बना सकते हैं। विज्ञान के बारे में जानने की उत्सुकता आपको एक बेहतरीन करियर प्रदान कर सकती है। सरल शब्दों में, जैव चिकित्सा विज्ञान चिकित्सा उपयोग के लिए जीव विज्ञान-आधारित विज्ञान का अनुप्रयोग है। इसका उपयोग अनुसंधान, स्वास्थ्य निगरानी या उपचार के लिए किया जा सकता है।

विज्ञान का आधुनिक स्वरूप रोजमर्रा काम आनी वाली वस्तुओं से सीधा जा जुड़ा है। यही कारण है कि आधुनिक विज्ञान की शाखाएं आज असंख्य क्षेत्रों में फैली दिखती हैं। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम कर रही विज्ञान की इन विशिष्ट शाखाओं के अध्ययन के लिए देश के कई विश्वविद्यालयों में विशेष कोर्स भी शुरू किए गए हैं, जिनके अध्ययन के लिए कुछ पूर्व निर्धारित तैयारियां और शर्तों को पूरा करना होता है। आज जमाना इंटर डिसिप्लिनरी और एप्लाइड साइंस का है। साइंस का एक क्षेत्र दूसरे से इंटरेक्शन कर रहा है। इससे नए-नए विषय सामने आ रहे हैं और साथ ही रोजगार के नए क्षेत्र भी सामने आ रहे हैं। बायोटेक्नोलॉजी हो या बायोमेडिकल साइंस, जेनेटिक्स हो या न्यूक्लियर साइंस, विज्ञान में इंटर डिसिप्लिनरी और एप्लाइड साइंस की एक लंबी लिस्ट है, जिनमें अध्ययन करके नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं।

बायोमेडिकल साइंस 

विज्ञान के क्षेत्र में यह तीन साल का इंटर डिसिप्लिनरी कोर्स छात्रों को स्नातक स्तर पर ऐसा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है, जहां वे बायोमेडिकल साइंस को लेकर रिसर्च कर सकें। इसके तहत छात्रों को बायो कैमिस्ट्री, ह्यूमन जेनेटिक्स, मेडिकल, बायोटेक्नोलॉजी, पैथोलॉजी, मेडिसिनल कैमिस्ट्री व टॉक्सीकोलॉजी आदि विभिन्न विषयों के बारे में बताया जाता है। इसमें रिसर्च के लिए एक प्रोजेक्ट भी दिया जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर यह कोर्स काफी लोकप्रिय है। इसमें छात्रों को तीन साल में अलग-अलग विषयों के बारे में बताया जाता है। पहले साल बायोकैमिस्ट्री, ह्यूमन फिजियोलॉजी, सेल बायोलॉजी, फार्मेसी एंड फार्मास्यूटिकल्स, बायोलॉजी व फिजिक्स आदि की पढ़ाई कराई जाती है। इसके बाद दूसरे साल में पैथोलॉजी, जेनेटिक्स, मेडिसिनल कैमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी आदि विषयों की पढ़ाई होती है। आखिरी वर्ष में टॉक्सीकोलॉजी, मेडिकल, लैबोरेटरी टीचिंग, सोशल एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन के अलावा दो स्पेशल पेपर पढ़ने होते हैं। ये हैं मेडिकल बायोटेक्नोलॉजी व मेडिकल बायोकैमिस्ट्री।

बायोलॉजिकल साइंस

बॉयोलॉजी विषय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का पहला सपना मेडिकल में जाने होता है। मेडिकल में जाने के लिए प्रवेश परीक्षाएं होती है। एलोपैथी में एमबीबीएस, एमडीएस किया जा सकता है। मेडिकल में हौम्योपैथी, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी, सिद्धा, यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में भी करियर बनाया जा सकता है। फॉर्मेसी, डेयरी टेक्नोलॉजी, एग्रीकल्चर, हार्टीकल्चर में भी करियर के उजले अवसर हैं।  बॉयो टेक्नॉलॉजी, बॉयो इन्फार्मेटिक्स ऐसे उभरते क्षेत्र हैं जिनमें ‍करियर बनाया जा सकता है। माइक्रो बॉयोलॉजी में भी करियर के उजले अवसर रहते हैं। पैरामेडिकल व फीजियोथैरेपी के कोर्स भी किए जा सकते हैं। 

बायोलॉजिकल एंड बायोमेडिकल विज्ञान की भूमिका

निदान, विश्लेषण और उपचार अत्यधिक विशिष्ट और तकनीकी बन गए हैं। इससे प्रशिक्षित बायोमेडिकल वैज्ञानिकों की मांग बढ़ गई है जो मानव स्वास्थ्य की जांच और सुधार की कई तकनीकी प्रक्रियाएं करने में सक्षम हैं। एक बायोमेडिकल छात्र एचआईवी परीक्षण, ट्यूमर निदान, चयापचय संबंधी विकार और रक्त प्रकार जैसे परीक्षण करता है। 

शैक्षणिक योग्यता

बायोलॉजिकल और बायोमेडिकल विज्ञान में करियर बनाने के लिए 12वीं के प्रतिशत के आधार पर या प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इन कोर्सों को किया जा सकता है।  नर्सिंग का कोर्स भी किया जा सकता है। मेडिकल टूरिज्म के बढ़ने के कारण हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का पांच वर्षीय कोर्स भी किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस कॉलेज से आप कोर्स कर रहे हों अगर वह अच्छाो है तो करियर संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इन सबके लिए आपको कक्षा 12 वीं में कम से कम 55 प्रतिशत अंको के साथ पीसीएम में अंक अर्जित करने होगें। आप मेेडिकल और नॉन मेडिकल दोनों क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।

करियर संभावनाएं

एक बायोमेडिकल छात्र को मेडिकल बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, क्लिनिकल और मेडिसिनल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी, सेल और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, पैथोलॉजी और / या साइटोलॉजी में अच्छा होना चाहिए। एक जैविक और बायोमेडिकल विज्ञान के छात्र अस्पताल प्रयोगशालाओं, पशु चिकित्सा प्रयोगशालाओं, रक्त बैंकों, फोरेंसिक और दवा कार्यालयों में रोजगार पा सकते हैं।

जैविक और बायोमेडिकल छात्र के लिए उपलब्ध करियर विकल्पों की अन्य सूची के लिए नीचे क्लिक करें:

जैव सूचना विज्ञान के वैज्ञानिक
वनस्पति वैज्ञानिक
बायोकेमिस्ट और बायोफिजिसिस्ट
जैव सांख्यिकी
आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ
कीट विज्ञानी
पर्यावरण वैज्ञानिक
आनुवंशिकी (जेनेटिक्स)
समुद्री जीवविज्ञानी और समुद्र विज्ञानी
सूक्ष्म जीव विज्ञानी
आणविक जीवविज्ञानी
न्यूरोसाइंटिस्ट
पैरासिटॉलॉजी
पैथालॉजिस्ट
फार्माकोलॉजिस्ट और टॉक्सिकोलॉजिस्ट
पाद्प वैज्ञानिक
प्राणीविज्ञानी और वन्यजीव जीवविज्ञानी
पशु देखभाल और सेवा कार्यकर्ता

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